सात जन्मों तक साथ देने का किया था वादा उन्होंने
आजकल वो वादा उन्हें याद दिलाना पड़ता है
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प्यार करना ही काफी नहीं कहते हैं वो
तोहफे दे कर प्यार जताना भी पड़ता है
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गर हम उनसे रूठ भी जाएं कभी
हम ही को उन्हें मनाना पड़ता है
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वो हैं हमारी ज़िन्दगी में खुशनसीबी है हमारी
हर रोज़ खुद को उनके लायक बनाना पड़ता है
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कितना भी उड़ ले परिंदा खुले आसमान में
घर लौट कर तो उसे भी आना पड़ता है
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यूँ तो रुतबा ऊंचा है ज़माने में हमारा
उनके आगे मगर रुतबे को भुलाना पड़ता है
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