मैंने देखा है लोगों को करीब से
शराब पी कर भटकते हुए ज़मीर से
कोई बेवजह औरों से लड़ता है
कोई औरत पर हाथ उठाकर मर्द बनता है
कोई घर बैठे पी कर बस थकान दूर करता है
कोई डूब कर दिल खोलने का हौंसला करता है
कोई गाड़ी से ज़िन्दगी रौंद देता है
कोई आबरू का शिकार कर के दिल भरता है
कोई ख़ुशी मनाने के बहाने जाम भरता है
कोई ग़म का जाम किसी के नाम करता है
कोई ज़्यादा पीने से खुद ही मरता है
कोई जुए में सब कुछ गिरवी करता है
मैंने देखा है लोगों को करीब से
उन्हें भी, जो कहते हैं खुद को अलग, इस भीड़ से
अति सुंदर।